(यह विडियो बार बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को याद दिलाता रहेगा)
रायपुर-हर किसी के घरों में जब भी अंधेरा कायम हो जाता है तब सिर्फ ठेका कर्मचारियों को ही शक्तिमान के रुप में पहुंचने हेतु शासन के नुमाइंदों के द्वारा अंधेरा मिटा रोशनी करने हेतु लोगों के घरों में भेजा जाता है। जिनकी बदौलत लोगों के घरों में बिजली रोशन का कार्य शक्तिमान रुपी ये ठेका कर्मचारियों के द्वारा किया जाता है,उन्हें ही मौजूदा कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार के होनहार और काबिल मंत्रियों के द्वारा अनर्गल बयान बाजी कर सरकार को निकम्मा बताने का साक्ष्य दिया जा रहा है,वही सरकार अपने वादे और घोषणा पत्र के मुताबिक ठेंगा दिखा रही है। बताना चाहेंगे कि प्रदेश की मौजूदा अर्थव्यवस्था बिगड़ने के पीछे छत्तीसगढ़ का पैसा पिछले दिनों हुए अन्य राज्यों के चुनाव में पानी की तरह बहाने के कारण बिगड़ी है। पिछले दिनों एक वीडियो में मुख्यमंत्री पद के हमेशा लड़ते दिखाई दिए जाने वाले प्रदेश के मौजूदा उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव ने अपने एक बयान में कहते नजर आए कि आऊटसोर्सिंग के लिए कोई नियम कानून नहीं है। जब सरकार में मंत्री, विधायक और अन्य लोगों के लिए 10 लाख की सुविधाएं को बहुमत से पारित करवा सकते हैं,तो छत्तीसगढ़ के पांच लाख अनियमित, आऊटसोर्सिंग, संविदा आदि वर्गों के लिए कोई नियम कानून, स्पष्ट नीति क्यों नहीं बनाई….. इसीलिए अब कांग्रेस की सरकार के सभी मंत्रियों और विधायकों के प्रति लोगों में जमकर आक्रोश व्याप्त है। इसे लेकर ही अब कहना है कि…..जो करें सभी के घरों में बिजली रोशन….. उन्हीं का सत्ता और शासन करे शोषण……अब नहीं सहेंगे…. नहीं सहेंगे….क्या इन्हें भी उतरना पड़ेगा सड़कों पर और करना पड़ेगा शहरों की बिजली गुल….क्या तभी जागेगी भूपेश सरकार…बिजली कर्मचारियों के साथ यह कैसा अन्याय…….पूछती है प्रदेश की आवाम?वहीं प्रदेश के सभी आऊटसोर्सिंग बिजली कर्मचारियों के द्वारा शहर की बिजली गुल कर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन की तैयारी की जानकारी सूत्रों से प्राप्त हो रही है,अग ऐसा होता है,तो प्रदेश के बहुत से घरों में इस बार अंधेरा एक लंबे समय तक कायम होने वाला है, प्रदेश के अधिकांश शासकीय कार्यालय, उद्योग जगत सहित बहुत सी सेवाएं प्रभावित होगी जिससे प्रदेश सरकार को कई करोड़ों के आय से हांथ धोना पड़ सकता है।