आजादी के 75 साल भी विकास के नाम पर सिर्फ खोखला…… विभाग के आला अफसर इतनी गहरी नींद में क्यों हैं लीन….

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दिल्ली/रायपुर-वैसे तो समूचे देश में सोशल मीडिया के बाद
अगर कोई संचार का सबसे बेहतर साधन है तो वह डाक प्रबंधन है,मगर छत्तीसगढ़ प्रदेश में डाक व्यवस्था पिछ्ले कई महीनों से चरमराई हुई है जिस पर डाक प्रबंधन गहरी नींद में लीन है। बताना चाहेंगे कि कोरिया जिले के सोनहत विकासखण्ड में सभी ग्राम पंचायतों मे़ आज तक डाकघरों की स्थापना नहीं हो पाई है,जहां लोग डाक भेजने सोनहत डाकघर आते है़,जिसका विकास आजादी के 75 वर्षों बाद भी संभव नहीं हो पाया है। वहीं सोनहत विकासखण्ड के अंदर अगर कोई डाक भेजता भी है तो वह 10 दिनों में भी सोनहत के गावों तक नहीं पहुंच पा रहा है। दरअसल मनेन्द्रगढ़ से सोनहत के कुछ ग्राम पंचायतों जैसे रामगढ़,सिंघोर,सलगंवाकला,घुघरा जैसे अधिकांश ग्राम पंचायतों में डाक भेजने के बाद भी आज तक डाक सेवा पहुंच से दूर है। वहीं डाक प्रबंधन ने सभी को मोबाइल एप्लीकेशन भी डाउनलोड करा दिया है जिससे वे डाक डिलेवर करने के साथ ही उसे अपडेट करते हैं। वहीं सोनहत डाकघर में जो कर्मचारी है उनके द्वारा आए दिन बताया जाता है कि सर्वर नहीं है, सिर्फ रजिस्ट्री ही हो पाएगी,स्पीड पोस्ट के लिए बैकुंठपुर जाना होगा, रशीद तुरंत ना देना जैसे अधिकांश समस्याओं का बता काम ना करने का बहाना खोजा जाता है। वहीं अब तो संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर में अधीक्षक बैठा दिया गया है,जिसके उपरांत भी उनके द्वारा डाकघरों का निरीक्षण ना करना, व्यवस्थाओं में सुधार ना लाना कहीं न कहीं दिखाता है कि छत्तीसगढ़ में डाक व्यवस्था आज भी चरमरा सी गई है। इसमे़ सुधार लाने के लिए तत्काल सोनहत सहित अधिकांश डाकघरों के ऐसे कर्मचारियों का तत्काल तबादला कर फुर्ती वाले स्टाफ की पदस्थापना करने की नितांत आवश्यकता है।

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