एक सख्श ऐसा भी……जो आधुनिकता के इस जमाने में नंगे पांव ही……पढ़िए पूरी खबर

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मनेन्द्रगढ़-आधुनिकता के इस जमाने में लोग तरह तरह के आधुनिक परिवेशों के उपयोग करने से पीछे नहीं हटते, परंतु आज भी एक सख्श छत्तीसगढ़ राज्य में मौजूद है,जो आमजन हो या फिर अफसर शाह,हर किसी से नंगे पांव ही मिलना पसंद करता है और वही उसका अभिमान है।

जी हां हम बात कर रहे, नवगठित जिले के जनकपुर निवासी रवि सिंह की,जो आधुनिकता के इस जमाने में भी एक ऐसा सख्श है, जिसने पिछले 13 सालों से चप्पल नहीं पहने हैं। जनकपुर भरतपुर तहसील के इस गांव में बच्चे बच्चे से पूछ लें कि वो जो नंगे पांव रहते हैं वो रवि सिंह का घर कहां है तो लोग आदर सत्कार के साथ इनके घर पहुंचाते हैं।

रवि सिंह 03 बार कोरिया जिला पंचायत के सदस्य भी रह चुके हैं और ये हमेशा व्यवस्था की बदहाली के विरोध में या यूं कहिए कि प्रशासनिक बेहोशी के खिलाफ एक अनूठा अंदाज अपनाकर पिछले 13 बरस से नंगे पांव घूम रहे है।यही नहीं रवि सिंह ने सिस्टम की बदहाली के खिलाफ रहने का मानो संकल्प ही ले लिया है। जिला पंचायत सदस्य रविशंकर सिंह अपने नंगे पाव चलने की कहानी बताते हुए कहते है कि मैं एक गांव जा रहा था वहां पर एक बुजुर्ग व्यक्ति तपती धूप में नंगे पाव जा रहा था उसके पैर में छाले पड़ गए थे, तो मैंने अपने पैरों के चप्पल उसी वक्त उस बुजुर्ग को दे दिया और उसी दिन से चप्पल त्याग दिया। फिर जब गांव जाकर देखा कि गांव के हालात, बद से बदतर हैं तो मैंने यह ठान लिया जब तक गांव की तस्वीर नहीं बदलेगी मैं नंगे पाव ही रहूंगा।

जब तक बदलाव नहीं, तब तक नंगे पैर-

एलएलएम शिक्षा प्राप्त 36 वर्षीय रविशंकर बीते 13 साल से नंगे पैर क्यों चलते है पूछने पर बताते है कि नंगे पैर रहकर मैं यह एहसास करता हुं कि, आज भी मेरे जैसे सैकड़ो लोग है जिनके पैर में छाले पड़ते होंगे, कांटे लगते होंगे, ठंड में पैर ठिठुरता होगा और यही तकलीफ मुझे भी होती है तो मुझे एहसास होता है कि आज भी गांवों में लोग आभावग्रस्त जीवन जीने को मजबूर है। जब तक मेरे क्षेत्र में बदलाव नही होगा तब तक मैं नंगे पैर चलकर तकलीफ सहता रहूंगा और उनके बीच मे रहकर के काम करता रहूंगा।

नाम ही काफी है-

बताना चाहेंगे कि जब भी रवि सिंह का नाम आता है,अफसर शाहों को लगता है कि अब क्या हो गया,कहाध क्या समस्या आ गई। जब भी रवि सिंह जिला पंचायत क्षेत्र में पहुंचता है, आमजनों की समस्याएं सुनकर लिखना और फिर नंगे पांव ही अफसरों से मुलाकात कर ग्रामीणों की समस्या का निदान करना मानो कि रवि सिंह के तन और। मन में बस हुआ है। रवि सिंह के इसी व्यवहार ने इन्हें जिला पंचायत सदस्य के रण में हैट्रिक दिलाई और एक बड़े अंतर से विजयी हुए।

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