रायपुर-प्रदेश के ढाई लाख से भी ज्यादा अनियमित कर्मचारियों ने अपने विरुद्ध हो रहे शोषण को लेकर आवाजें बुलंद करने का कार्य तेज कर दिया है। इसी के मद्देनजर छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा ने भी प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अपनी मांगों को लेकर 13 जुलाई 2023 तक समय मांगे पूरी करने की मांग की है। 13 जुलाई 2023 तक मांगे ना माने जाने पर 14 जुलाई को प्रदेश के कका के नाम से प्रसिद्ध हुए भूपेश बघेल जी के मुख्यमंत्री निवास का घेराव छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा के बैनरतले किया जाएगा। बताना चाहेंगे कि छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा के बैनर तले प्रदेश में कार्यरत सभी अनियमित कर्मचारियों [संविदा, दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, प्लेसमेंट, मानदेय, अशंकालिक, जाबदर, ठेका] के द्वारा 04 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा एवं छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी फेडरेशन” के संयुक्त तत्वावधान में 14 जुलाई 23 को धरना-प्रदर्शन एवं मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक रामकुमार सिन्हा ने बताया कि कांग्रेस ने अपने “जन-घोषणा-पत्र” के बिंदु क्रमांक 11 एवं 30 में अनियमित, संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने, छटनी न करने तथा आउट सोर्सिंग बंद करने का वादा किया है| अनियमित मंच से 14.02.2019 को मुख्यमंत्री ने स्वयं वचन दिए कि इस वर्ष किसानों लिए है आगामी वर्ष कर्मचारियों का होगा| अनियमित संघो के आवेदनों का परिक्षण करने कमेटी बनाई गई जो आज पर्यंत रिपोर्ट नहीं सौंप सकी है| अद्यतन लगभग साढ़े चार वर्ष उपरांत भी प्रदेश के अनियमित कर्मचारी (संविदा, दैनिक वेतन भोगी/कलेक्टर दर/श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, प्लेसमेंट (आउटसोर्सिंग) / मानदेय, जॉबदर, अंशकालीन, ठेका) अनियमित ही है|
कांग्रेस की सरकार के द्वारा वादाखिलाफी की जा रही है। सरकार के द्वारा नियमितीकरण नहीं किया जा रहा,आउटसोर्सिंग बंद नहीं किया, कर्मचारियों को मिलने वाला न्यूनतम वेतन एवं संविदा वेतन वृद्धि रोक दिया गया, कई विभागों से छटनियां कर दी गई है। सरकार की मौजूदा रणनीति के कारण प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।
आखिर कौन सी है ऐसी मांगे,जो सरकार के लिए नासूर बनती जा रही हैं-
1. समस्त अनियमित, संविदा एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी/अधिकारीयों को नियमित किया जावे तथा नियमितीकरण तक स्थायीकरण किया जावे|
2. विगत वर्षों से निकाले गए/छटनी किये गए अनियमित कर्मचारियों को बहाल कर छटनी पर रोक लगाई जावे।
3. अंशकालिक कर्मचारियों को पूर्णकालीन किया जावे|
4. शासकीय सेवाओं में आउटसोर्सिंग/ठेका प्रथा को पुर्णतः समाप्त कर कर्मचारियों का समायोजन किया जावे तथा नियत अवधि में नियमित किया जावे|
मोर्चा एवं फेडरेशन के पदाधिकारियों ने सयुक्त रूप से प्रदेश के समस्त अनियमित संगठनों एवं कर्मचारी/अधिकारियों से अपील/आह्वान किया है कि आयोजित धरना-प्रदर्शन एवं मुख्यमंत्री निवास घेराव में “एक दिवस की अवकाश लेकर” अधिक से अधिक संख्या में सम्मिलित होकर कार्यक्रम को सफल बनावें।