बैकुंठपुर-छतीसगढ़ प्रदेश में कलेक्टर दरों पर कार्य करने वाले कई कर्मचारियों का जमकर शोषण शासन के आला अफसरों द्वारा किया जा रहा है। बताना चाहेंगे की जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग,पशु विभाग, नगरीय प्रशासन विभागों सहित अन्य विभागों में दैनिक वेतनभोगी, कलेक्टर दरों पर कार्य कर रहे कई कर्मचारियों को विभाग के आला अफसरों के द्वारा पिछले 31 माह का भुगतान किया जाना अब तक शेष है,जिसे लेकर हर बार विभाग के खण्ड स्तर एंव जिला स्तर के अधिकारी सिर्फ छणिक भुगतान मंगवाकर कहते नजर आते हैं कि विभाग में फण्ड ही नहीं है तो कहां से भुगतान करें। वहीं खण्ड स्तर और जिला स्तर के अधिकारियों की मौनी बाबा बनने के कारण जिला कलेक्टर और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की छवि धूमिल होती है। इससे स्पष्ट होता है कि विभाग के आला अफसर अपनी मनमर्जी चला निचले स्तर के कर्मचारियों का जमकर शोषण किया जा रहा है। यहां तक की भुगतान मांगने पर नौकरी से निकालने तक की धमकी दी जाती है। जानकारी यह भी मिल रही कि बजट की मांग करने पर संचालनालय स्तर के अधिकारियों के द्वारा अपना कमीशन भी सेट कर रखे हैं,तभी बजट दी जाती है,कमीशन ना देने पर फंड ना होने की वजह से बजट का जारी ना कर बहाने बाजी की जाती है। बहरहाल अब देखना होगा कि क्या छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राज में निचले स्तर के कर्मचारियों का शोषण ही होना है या फिर इन्हें भुगतान भी किया जाना है।वही जिला कलेक्टर विनय कुमार लंगेह से बात करने का प्रयास किया गया जिस पर मोबाइल कवरेज एरिया के बहार मिला,जिस कारण से संपर्क नहीं हो सका ।
कमीशन नहीं-बजट नहीं,कलेक्टर दर पर कार्य कर रहे जिले के अधिकांश कर्मचारियों को नहीं मिला 31 माह का भुगतान, महिला एवं बाल विकास विभाग सहित कई अन्य विभागों में है बुरा हाल,आला अफसरों के रवैए के कारण जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री की छवि होती है धूमिल
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