दुर्ग/बैकुंठपुर/एमसीबी-केंद्र सरकार के द्वारा पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में आरंभ की गई महिला पुलिस स्वयं सेविका योजना वैसे तो फ्लाप हो गई है जिसके पुनः आरंभ किया जाना संभव नहीं दिख रहा। बताया जाता है कि कोरिया में लगभग 2500 महिलाओं को महिला पुलिस स्वयं सेविका के रुप में नियुक्त किया गया था जिनमें से इन्हें इनके किए गए कार्यों का भुगतान आज तक नहीं मिला है। भुगतान प्राप्त करने महिला पुलिस स्वयं सेविकाओं ने वर्ष 2022 में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मनेन्द्रगढ़ आगमन पर अपनी फरियाद भी दे चुके हैं जिस पर आज तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। ये महिलाएं बताती हैं कि इन्होंने अपनी फरियाद भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह,पूर्व श्रममंत्री भइयालाल राजवाड़े के पास भी अपनी अर्जी लगा चुके हैं। वहीं अभी देश के प्रधानमंत्री राज्य के दौरे पर भी आए थे जिस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी साथ में थे,पर किसी भी भाजपाइयों ने छत्तीसगढ़ की इन महिला पुलिस स्वयं सेविकाओं के मानदेय के भुगतान और योजना के पुनः आरंभ को लेकर कोई भी बातें नहीं की। केंद्र की योजना और केंद्र के द्वारा उपेक्षा किये जाने पर इनका शोषण होना साफ झलकता है। वहीं जानकारों का मानना है कि वो ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि छत्तीसगढ़ के दोनों जिलों कोरिया एंव दुर्ग की इन महिला पुलिस स्वयं सेविकाओं में एकता नहीं है और ये की गुटों में विभाजित हैं। जानकारों का कहना है कि अगर अब भी ये सही तरीके से रास्ते को नहीं अपनाते हैं,तो इन्हें शोषण और उपेक्षा के अलावा और कुछ विशेष हासिल नहीं होने वाला है।वहीं अब देखना होगा कि क्या अब भी ये गुटबाजी में ही रहना पसंद करेंगी या फिर एक होकर अपने हकों के लिए आवाज उठाना पसंद करेंगी।
कोरिया की महिला पुलिस स्वयं सेविकाओं में शायद नहीं है एकता,कई गुटों में बटे दिख रहे कोरिया के एमपीवीव्ही
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