रायपुर-आज देश में अरबों खरबों रुपए की राशि कुपोषण मुक्त अभियान को लेकर ख़र्च किया जा रहा है,जहां छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक ऐसा जिला है जहां महज चंद रुपयों का व्यय कर जिला समूचे प्रदेश के साथ देश में भी अव्वल होने की स्थिति में है। हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले की,जहां जिला प्रशासन के लिए एक लिए चुनौती थी कि कैसे हम जिले में सुपोषण को लेकर बेहतर कदम उठाएं,पर प्रशासन ने हार नहीं मानी। जिला कलेक्टर संजय अग्रवाल ने महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी चंद्रवेश सिंह सिसौदिया के साथ सुनियोजित तरीके से जिले में सुपोषण अभियान का शुभारंभ किया,जिसके परिणामस्वरूप आज जिले में सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं।
बताना चाहेंगे कि सूरजपुर जिले के प्रतापपुर परियोजना के जरही सेक्टर के आंगनबाड़ी केंद्र यादवपारा में आने वाली बच्ची प्रियांशी यादव पहले कुपोषण की श्रेणी में थी,जिसे चलाए गए अभियान में शामिल कर सोमवार को बादाम चिक्की, बुधवार को मोरिंगा, शुक्रवार को अण्डा और पौष्टिक खिचड़ी निरंतर दी जाने लगी। साथ ही समय समय पर अभिभावकों से भी संपर्क कर स्थानीय भाजी खिलाने की सलाह दी गई तथा बच्चे को स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाकर दवाईयां दिलाई दी गई। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को गृहभेंट भी करने हेतु समय समय पर कराया गया। परिणामस्वरूप प्रियांशी आज सुपोषित है।
कुछ इसी तरह प्रतापपुर परियोजना के जरही सेक्टर के आंगनबाड़ी केंद्र कंवरपारा,मरहटा के आकाश,सोनाली,जरही सेक्टर के डीगापारा दुरती के ध्रुव राजवाड़े,दवनकरा सेक्टर के कोणाकूपारा आंगनबाड़ी केंद्र की गुलशन,हरिजनपारा की निशा को भी कुपोषण से मुक्ति दिलाने में जिला प्रशासन ने बड़ी सफलता हासिल की है।