रायपुर/बैकुंठपुर-पिछले दिनों बीएसपीएल न्यूज ने कोरिया जिले के एकीकृत महिला एवं बाल विकास विभाग परियोजना सोनहत”भूपेश सरकार में एक और अनोखा मामला आया सामने, मुख्यमंत्री सचिवालय के पत्र पर भी कोरिया जिला प्रशासन के द्वारा नहीं की गई निष्पक्ष कार्यवाही,एक व्यक्ति एक ही समय में दो स्थान पर कैसे रह सकता है उपस्थिति, नियमित कालेज छात्र अध्ययन के दौरान ही एकीकृत महिला एवं बाल विकास परियोजना सोनहत में कैसे रह सकता है उपस्थिति?” की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित की थी जिसमें महज 48 घंटे के भीतर ही भूपेश सरकार के आला अफसरों ने अपनी तत्परता दिखाते हुए प्रकरण की जांच कर विभाग को गुमराह कर निरंतर तीन साल कार्य करने के बाद आपरेटर जय कुमार को हटा दिया गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग कोरिया के द्वारा जारी किए गए पत्र में लिखा गया है कि प्रकाशित खबर पर संज्ञान लेते हुए एकीकृत महिला एवं बाल विकास परियोजना सोनहत के परियोजना अधिकारी से प्रतिवेदन प्राप्त किया गया जिसमें जय कुमार के द्वारा कार्यालय को सही जानकारी ना देकर भ्रमित किया गया है। परियोजना अधिकारी के इसी प्रतिवेदन के आधार पर जय कुमार को तत्काल सेवा लेना बंद करते हुए कार्यालय से हटा दिया गया है।
मगर सवाल अब भी यही है कि क्या जय कुमार दोषी है या फिर वो अधिकारी भी दोषी है जिसने बिना दस्तावेजों का सत्यापन किए नियमित कालेज छात्र को रख लिया और तीन सालों तक लगातार कार्य लेकर भुगतान करते रहे। सवाल अब भी यही है कि अगर संबंधित अधिकारी एक नियमित छात्र के शैक्षणिक दस्तावेजों का परीक्षण किए होते तो शायद जय कुमार को कार्यालय में नहीं रखा जा सकता था।