बड़ी खबर-सचिव भुवनेश यादव के कड़े तेवर अपनाने के कारण अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हुई बल्ले-बल्ले

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रायपुर-प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं को पूर्व की भांति अब अन्य विभागों के कार्यों को निष्पादित करने से विभाग के सचिव भुवनेश यादव ने मुक्ति दिला दी है,जिसके संबंध में सभी जिला कलेक्टरों को आदेश भी जारी किया जा चुका है। बताना चाहेंगे कि एकीकृत बाल विकास योजना केंद्र सहायित योजना है जिसमें में योजना संचालन में 60% प्रतिशत राशि केंद्रीय अंशदान के रुप में विभाग को प्राप्त होती है। बच्चों के कुपोषण स्तर की नियमित निगरानी तथा परिवार को परामर्श देना आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नियमित दायित्व के अंतर्गत आता है। विभाग की योजनाओं का सफल संचालन विभाग कै अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र की सेवाओं की आनलाइन मानिटिरिंग पोषण ट्रेकर एप के माध्यम से की जा रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की अन्य विभागों में सेवा लिए जाने से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की रिपोर्टिंग नियमित ना हो पाने के कारण केंद्र से राज्य को प्राप्त होने वाले अनुदान में अनुपातिक कटौती की जा रही है। जारी पत्र के माध्यम से बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में लगभग 70 करोड़ रुपए का अनुदान प्रभावित हुआ है। वहीं सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश में स्पष्ट किया गया है कि आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से न्यूनतम 300 दिन के लिए गरम भोजन एंव टीएचआर का वितरण आवश्यक है जिसका वर्तमान में उल्लंघन हो रहा है। बच्चों के शारीरिक,मानसिक,बौद्वि, सामाजिक,भाषाई इत्यादि का नियमित विकास हेतु आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से ईससीई गतिविधियों का नियमित आयोजन आवश्यक है। इसे लेकर पूर्व मुख्य सचिव विवेक डांड,पूर्व सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग सोनमणि बोरा आदि ने भी अर्दशासकीय पत्र सभी कलेक्टरों को जारी किया था जिसका पालन आज तक संभव नहीं हो सका था। यह भी बताना चाहेंगे कि यह पत्र विभाग ने 01 अगस्त 2023 से 13 अगस्त 2023 तक आयोजन होने वाले वजन त्योहार को लेकर किया है ताकि आयोजन त्यौहार को सफल बनाया जा सके। इसे लेकर प्रदेश के सभी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं ने राहत की सांस ली है।

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