रायपुर-छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा प्रदेश के 15 हजार से भी अधिक रोजगार सहायकों के मांगों पर की गई घोषणा का 15 माह से क्रियान्वयन ना होना कहीं न कहीं स्वंय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लिए गले की हड्डी का फांस बनता दिख रहा है। बताना चाहेंगे कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मई 2022 में प्रदेश के रोजगार सहायकों को लेकर उनके मानदेय वृद्धि को लेकर घोषणा की थी जिस पर कहा था कि अब रोजगार सहायकों को 9540/- प्रतिमाह मिलेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का प्रशासनिक अमला ही ठेंगा दिखाकर मुख्यमंत्री की नींद उड़ा दी है। वहीं प्रदेश के रोजगार सहायकों ने 12 जुलाई 2022 को एक दिवसीय जिला स्तरीय वादा निभाओ रैली का आयोजन किया जाएगा वहीं 13 जुलाई 2022 से प्रदेश के सभी ब्लाक स्तरों पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी है। वहीं पिछले दिनों हमने इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आला अफसरों से बात करने की भी कोशिश की थी,जिस पर मनरेगा आयुक्त रजत बंसल ने ना दोबारा फोन उठाया और ना ही कोई वस्तु स्थिति बताई। इससे तो स्पष्ट है कि या तो मुख्यमंत्री स्वयं हड़ताल शांत कर इन रोज़गार सहायकों को झुनझुना पकड़ाने के मूड़ में थे और या तो स्वयं मुख्यमंत्री ये नहीं सोचे थे कि मेरी घोषणा मेरे लिए ही मुसीबत बन जाएगी। वहीं पिछले दिनों भाजपा ने तंज कसा था कि भूपेश सरकार लबरी सरकार है।
आखिर ऐसी कौन सी मांगे हैं जो मुख्यमंत्री को परेशान कर रही-
01-ग्रेड पे निर्धारण करते हुए नियमितीकरण किया जाए।
02-नियमितीकरण होने तक ग्राम रोजगार सहायकों का सिविल सेवा आचरण पंचायतीराज अधिनियम 1986 पंचायत कर्मी नियमावली लागू किया जाए।