रायपुर-शासन की हर योजनाओं को गांव-गांव में ज्यादा से ज्यादा हितग्राहियों तक पहुंचाने में रोजगार सहायकों की अहम भूमिका रहती है। रोजगार सहायकों के द्वारा दिन रात ,ठंड हो या बरसात या गर्मी, तबियत खराब हो या परिवार में कोई तकलीफ़, हर कार्यों को छोड़ सबसे पहले उच्च अधिकारियों के निर्देशों को सर्वोपरि मानकर यथासंभव उस पर कार्य किया जाता है और अंततः उसे सफल बनाया जाता है। सरकार जिन निचले स्तर के कर्मचारियों की बदौलत अपनी पीठ थपथपाने और मीडिया में अपना प्रचार प्रसार करने का कार्य करती है, कि हमारी सरकार में ये विकास का कार्य हुआ है, लेकिन सरकार इन्हीं निचले कर्मचारियों को नजर अंदाज करने का कार्य वर्तमान में कर रही है या ये कहें कि इन्हीं निचले स्तर के कर्मचारियों के साथ दोहरी नीति अपनाई जा रही है।
आपको बताना चाहेंगे कि मई 2022 में रोजगार सहायकों के प्रदेश व्यापी हड़ताल के मद्देनजर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा की थी, कि अब प्रदेश के 15,000 से भी ज्यादा रोजगार सहायकों को 9540/- का भुगतान दिया जाएगा,जिससे खुश होकर सभी रोजगार सहायकों ने अपनी हड़ताल वापस ली थी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा की गई घोषणा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आफिसियल ट्यूटर हैंडल एकाउंट में भी उपलब्ध है,जिसकी विभिन्न मीडिया वालों ने प्रमुखता के साथ प्रकाशन किया गया था।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इसी घोषणा वाली होर्डिंग समूचे प्रदेश के की छोटे बड़े शहरों में भी देखने को आज भी उपलब्ध है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की यह घोषणा सिर्फ ट्यूटर और सोशल मीडिया में देखने को मिलेगी,धरातल पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा और ना ही कोई आदेश पिछले 15 माह से आज तक जारी नहीं हुए हैं।
बताना चाहेंगे कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 15 हजार से भी ज्यादा रोजगार सहायक न्यूनतम मजदूरी में कार्य कर रहे हैं।
*आइए जानते हैं कितना मिलता है इन्हें मानदेय-*
जिनकी सेवा अभी 05 वर्ष पूर्ण नहीं हुई है,उन्हें 5,000/- मासिक।
जिन्होंने 05 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली है,उन्हें 6,000/- मासिक।
*आखिर क्या है इनकी प्रमुख मांगे-*
01. चुनावी जन घोषणा पत्र को आत्मसात करते हुए समस्त मनरेगा कर्मी का नियमितीकरण किया जावे।
02. नियमितीकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने तक ग्राम रोजगार सहायकों का वेतनमान निर्धारण करते हुए समस्त मनरेगा कर्मियों पर सिविल सेवा नियम 1966 के साथ पंचायत कर्मी नियमावली लागू किया जावे।
रोजगार सहायकों का शाखा मेरे पास नहीं है,इसके लिए आप मनरेगा शाखा में बात करिए।
कार्तिकेय गोयल
संचालक ग्रामीण पंचायत विभाग
मुझे अभी ज्वाइन किए हुए अभी 01 माह ही हो रहे हैं, मुझे इसकी जानकारी नहीं है,मैं दिखवाता हूं।
रजत बंसल
आयुक्त, महात्मा गांधी- मनरेगा।।
वहीं आयुक्त महोदय श्री रजत बंसल से पुनः जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उनके द्वारा फोन ही नहीं उठाया गया और ना ही कोई प्रतिक्रिया दी गई।