ब्रेकिंग खबर-पार्टी हाईकमान खड़गे की नींद उड़ी, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बेचैन दिखने लगे,उलट पलट की राजनीति हुई तेज,मरकाम,संगीता,उपाध्याय,कमरों,विनय सहित बहुतों का बढ़ सकता है कद, कर्मचारी वर्ग में रोष

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दिल्ली/रायपुर-देश की राजनीति में वर्तमान में अगर कोई राज्य सबसे ज्यादा चर्चित है तो वो छत्तीसगढ़ राज्य है। यहां के मौजूदा हालातों से अब यह कहा जा सकता है कि सत्ता की बागडोर कहीं न कहीं,अब पार्टी हाईकमान मल्लिकार्जुन नहीं सम्हाल पा रहे। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि पार्टी हाईकमान खड़गे की नींद उड़ ही गई है वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बेचैन से मालूम पड़ते हैं। वहीं ताजा हालातों से जिस प्रकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उप मुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव के बीच चले ढाई ढाई साल के तकरार के बाद अंततः प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव को महज चंद दिनों के लिए उप मुख्यमंत्री की बनाना और अब ऊर्जा विभाग का भी प्रभार सौंपना, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को पद से हटा दीपक बैज को वर्तमान में पार्टी का अध्यक्ष बनाया जाना, शिक्षामंत्री प्रेम साय सिंह का शिक्षामंत्री के पद से इस्तीफा ले लेना दिखाता है कि पार्टी में गुटबाजी है। वहीं जिस तरह से मोहन मरकाम को प्रेम साय सिंह की जगह शिक्षामंत्री के बनाने की खबर निकल कर सामने आ रही है,उससे यही कयास लगाए जा रहे हैं कि चुनाव के कुछ दिनों पहले भूपेश केबिनेट में उठक पटक की राजनीति तेज होने के आसार हैं। वहीं लोगों का कहना है कि प्रदेश की महिला एवं बाल विकास विभाग एवं समाज कल्याण मंत्री अनिला भेड़िया को पद से हटाते हुए संजारी बालोद विधानसभा सीट की विधायक संगीता सिन्हा को महिला एवं बाल विकास विभाग एवं समाज कल्याण मंत्री का पद देने की खबर निकल कर सामने आ रही है। यही नहीं वाणिज्य कर आबकारी, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग की जिम्मेदारी वर्तमान मंत्री कवासी लखमा से लेकरभरतपुर सोनहत विधानसभा से कांग्रेसी विधायक गुलाब कमरो को देने की बात जोर शोर से लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच चल रही है। वहीं मनेन्द्रगढ़ विधानसभा के विधायक डा विनय जायसवाल एंव रायपुर नगर पश्चिम के कांग्रेसी विधायक विकास उपाध्याय के वर्तमान कद के भी बढ़ने के आसार हैं। वहीं प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से 15 अगस्त 2023 तक नियमितीकरण को लेकर उम्मीद लगाए बैठे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि 12 जुलाई 2023 को आयोजित बैठकों में तो नियमितीकरण को लेकर भूपेश बघेल गहरी नींद में दिखे पर अगर 15 अगस्त 2023 तक प्रदेश के सभी अनियमित कर्मचारियों को नियमित नहीं किया तो भूपेश बघेल और इनकी सरकार अपने बोरिया बिस्तर बांध कर तैयार रहें, क्योंकि संभव है कि इस बार तख्ता पलट की राजनीति संभव है।

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