सखी सेंटरों में कार्य करने वाले कर्मचारियों को नहीं मिला पिछले कई माह से मानदेय, संचालक ने पत्र लिख मांगा बजट

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रायपुर-महिला एंव बाल विकास विभाग प्रदेश का एक ऐसा विभाग है जहां आए दिन अपने कर्मचारियों को मानदेय देने के लिए बजट कम पड़ जाता है। महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों या फिर सखी सेंटरों में कार्य कर रहे कर्मचारियों की बात हो,विभाग के अफसर और कर्मचारी आए दिन कोई न कोई रोना रोएंगे। वर्तमान स्थिति में भी यही है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के 27 जिलों में स्थित सखी सेंटरों के कर्मचारियों को पिछले कई माह से भुगतान नहीं हुआ है। वहीं संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग ने संबल योजना के अवर सचिव को पत्र लिख बजट की मांग की है। भला विभाग की अगर यही स्थिति रही तो कर्मचारी कैसे अपना घर चलाएंगे,ऐसे में इनके बच्चों की स्कूलों की फीस से लेकर हर आवश्यक खर्चों को बंद कर भूखों मरने की स्थिति निर्मित हो जाएगी।

 

जहां ज्यादा आबंटन था,वहां भुगतान हो गया है,जहां नहीं है वहां सप्ताह भर के अंदर भुगतान हो जाएगा। पीएफ एम एस के आने के कारण विलंब हो रहा,अगली बार से किसी को भी समस्या नहीं रहेगी। शुरुआत में नई चीजों के आने से थोड़ी बहुत तकलीफें तो होती ही है।

अभय देवांगन
संयुक्त संचालक
महिला एवं बाल विकास विभाग छत्तीसगढ़

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