रायपुर-छतीसगढ़ में कका और बाबा की जोड़ी,शोले फिल्म के जय और बीरु की तरह पहले से ही चर्चा में है। उपर से विभिन्न श्रम संगठनों के द्वारा नियमितीकरण को लेकर किए जा रहे पत्राचार का सिलसिला अभी थमा नहीं था कि एक और संगठन सक्रिय होकर प्रदेश में 12 जुलाई 2023 को होने वाले केबिनट बैठक लेकर विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश के डिप्टी सीएम बाबा को पत्र लिखकर दैनिक वेतनभोगियों के हितों को लेकर पत्र लिखा है। छ.ग. सर्वविभागीय श्रमायुक्त दर श्रमिक कलेक्टर दर श्रमिक मोर्चा ने मुख्यमंत्री सहित डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव, मुख्य सचिव जैसे सभी जनप्रतिनिधियों और उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर अपनी मांगों को रखा है।
क्या है मांगे,आईए जानते हैं –
01-स्थाई कर्मी योजना मध्यप्रदेश 2016 दैनिक श्रमिक एवं संविदा 2023 हेतु बनाई गई है इसी तर्ज में छत्तीसगढ़ में राज्य स्थापना दिवस 1 नवंबर 2023 को कौशल्या माता स्थाई कर्मी योजनाओं को लागू किया जाए। जिसमें बिना नियुक्ति पत्र वाले विषयांतर्गत अनियमित दैनिक श्रमिकों को प्रथम नियुक्ति दिनांक 1 नवंबर को मानते हुए बिना किसी वर्षबंधन को लागू कर वर्तमान मासिक देय वेतनमान अकुशल 10480/-, अर्ध कुशल 11103/-, कुशल 11910/-, एवं उच्च कुशल 12690 /-स्थायीकरण तिथि से महंगाई भत्ता, वेतन वृद्धि, चिकित्सा भत्ता,गृह भाड़ा, समूह बीमा, वर्दी धुलाई,शहरी भत्ता, अनुसूचित क्षेत्र भत्ता, आकस्मिक अवकाश, अर्जित अवकाश, चिकित्सा अवकाश, प्रसूति अवकाश, अदेय अवकाश, लघु कृत अवकाश, अनुकंपा,ओ पी एस की सुविधा प्रदान करते हुए समस्त 36000 श्रमिकों को उनके द्वारा वर्तमान में किए जा रहे जा रहे कार्य कार्यस्थल में स्थाई किया जावे ।
उपरोक्त मांग को लागू करने पर छत्तीसगढ़ शासन एवं स्थाई कर्मियों को होने वाले लाभ
01-वर्ष बंधन लागू करना अत्यंत आवश्यक हुआ तो न्यूनतम 3 वर्ष किया जाए ताकि 8 वर्ष के वर्ष बंधन को जिस प्रकार 2 वर्ष वर्तमान सरकार के द्वारा किया गया है अन्य राजनीतिक दल को ऐसा लाभ उठाने का अवसर ना मिले।
02-हमारी मांग से सरकार को शून्य वित्तीय भार तत्काल आएगा। 6 माह पश्चात ही वित्तीय भार प्रारंभ होगा।
03-वरिष्ठ दैनिक श्रमिकों को आयु की प्राथमिकता भविष्य के नियमितीकरण में प्रदान किया जाए।
04-वर्षबंधन लागू करने की स्थिति में जिन दैनिक श्रमिकों का स्थायीकरण तत्काल नहीं होगा उन्हें अनुकंपा एवं कार्य से पृथक ना करने का अनिवार्य नियम बनाया जाए। अन्य लाभ स्थायीकरण के पश्चात ही प्रदान किया जाए।